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Thursday, February 6, 2014

Editor Voice Vol 01, Issue 01 (2013)

Creative Space : International Journal
(Bi-monthly - Peer Reviewed Journal)
Multi Lingual and Multi Disciplinary

Issn 2347-1689
Vol 01 Issue 01

Editor Voice 

Creative Space : International Journal एक सृजनात्मक जगह है. यहाँ पर सभी विषयों में हो रहे रचनात्मक सृजनात्मक कार्य को एक अलग जगह दी गई है. मगर इसका मतलब यह नहीं है की, यहाँ पर कुछ भी सृजन हो. सृजन जो मानव समाज को एक दिशा प्रदान करे एवं स्वस्थ और वैज्ञानिक समाज बनाये. आज हम क्यूरियोसिटी से मंगल गृह के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है. यह एक सृजन है. हम कल्पना कर सकते है. मगर दुशरी तरफ हम और हमारा समाज अराजकता में भी जी रहा है. हर देश में आज भी गृह युद्ध हो रहे है. जनता शाशन के प्रति गंभीर है और वह बदलाव चाहती है. हम उस बदलाव के समर्थन में अपना कार्य आगे बढ़ा रहे है.

भारतीय पृष्ठभूमि में जब हम नजर डालते है तो हमें शुकून नहीं मिलता है. भारतीय मानव समाज में कई तरह के भेद व्याप्त है. इस भेद को उजागर कौन करेगा ? भेद को उजागर करने के बाद परिवर्तन के लिए मशाल कौन जलायेगा ? कई प्रश्न उठ सकते है. अगर हम स्वस्थ रूप से विचारे तो इस पर भी कार्य होना चाहिए एवं परिवर्तन के लिए आगे आना चाहिए. भारतीय समाज आज जिस अराजकता में जी रहा है तो समय की मांग है की परिवर्तन हो. मानविकी से ले के तकनिकी तक. यह सृजनात्मक उन सभी का स्वागत करता है जो समाज से प्रतिबद्ध हो एवं परिवर्तन की कामना रखता हो. विद्वानों को यह प्रश्न भी हो सकता है की सुजनात्मक जगह में भी समाज ? यह तो कुच्छ अलग करे की जगह होनी चाहिए ! जब समय सृजनात्मक होने के लिए प्रयासरत है तो मैं या आप कोई नहीं रोक सकता. समाज आज खुद जगह बना रहा है और सृजन कर रहा है. सृजन ही तो है जो कुछ नया बन रहा है. यह जगह तो उस सृजन की आवाज है. आप उस सृजन में अपना योगदान दे सकते हो. सभी मानव अपनी तरफ से कुछ न कुछ सृजन करता है. हम इस पत्रिका के माध्यम से उस सृजन में हिस्सा ले रहे है. आकिर स्रुजनात्माक जगह धरती पर ही है तो हम इतर क्यों ढूंढे ? हमारे पास जो है उसमे ही सृजन के माध्यम से मानव समाज को बेहतर बनायें. मानव समाज स्वतंत्रता चाहता है. उस स्वतंत्रता में सब मानव सामान हो एवं उन में बंधुभाव हो.

यही उद्देश्य है की मानव समाज बेहतर से बेहतर बने. रचनाकार/संशोधक अपनी रचना भेजे और सृजनात्मक लेखन के माध्यम से अपना योगदान दे.


प्रधान संपादक
हरेश परमार

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